ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का DRDO ने किया सफल परीक्षण, भारत ने दुनिया को दिखाई ताकत

भारत ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है. मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सटीक तरीके से निशाना बनाया.  

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का  सफल परीक्षण किया है.

इस मिसाइल परीक्षण को देखने के लिए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और अन्य रक्षा अधिकारी मौजूद थे. रक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि मिसाइल ने अपने लक्ष्य को  सटीक तरीके से निशाना बनाया.

एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण पर बधाई दी. वह परिचालन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए अंडमान और निकोबार के द्वीप क्षेत्र में हैं. 

इससे पहले 8 दिसंबर 2021 वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमके-1 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया गया था. 

 मिसाइल मिसाइल ने तय मानकों को पूरा करते हुए दुश्मन के ठिकाने को ध्वस्त कर दिया.

सुखोई-30 एमके-1 (Sukhoi-30 MK-1) फाइटर जेट में लगाए गए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को पूरी तरह से देश में ही तैयार किया गया है.

उधर, भारतीय वायुसेना के लिए ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का अपग्रेडेड एयर लॉन्च वर्जन तैयार किया जा रहा है. इसकी रेंज 800 किलोमीटर होगी.

यानी हमारे लड़ाकू विमान हवा में रहते हुए दुश्मन के ठिकानों को इतनी दूर से ही तबाह कर सकते हैं.  

भारत अब लगातार टैक्टिकल मिसाइलों की रेंज को बढ़ा रहा है. सिर्फ एक सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने से ही मिसाइल की रेंज में 500 किलोमीटर की बढ़ोतरी होती है. 

भारतीय वायुसेना के 40 सुखोई-30 MKI फाइटर जेट पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें तैनात की गई हैं. यह मिसाइलें बेहद सटीक और शक्तिशाली हैं और दुश्मन के कैंप को पूरी तरह से बर्बाद कर सकती हैं.

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