नई फसलों में किसानों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय औषधीय पौधों की खेती हुई है. इन पौधों की खास बात ये है कि इनका दवा बनाने के साथ-साथ अन्य कई जरूरी कार्यों में उपयोग किया जाता है. इसके अलावा कम लागत में इन औषधीय फसलों की अच्छी कीमत मिल जाती है.
इन औषधीय फसलों से अच्छी कमकी इसलिए होती है क्यूंकि बहुत कम लोग इसकी खेती करते है और इसकी माँग पुरे देश के साथ साथ दुनिया भर में बरकरार है तथा यह बहुत असरकारक होता है
यह एक झाड़ीदार पौधा होता है, जिसके फल, बीज और छाल के उपयोग से कई दवाइयां बनाई जाती हैं. इसकी जड़ से अश्व जैसी गंध आती है, इसलिए इसे अश्वगंधा कहते हैं इसके उपयोग से तनाव और चिंता को दूर किया जा सकता है.
अश्वगंधा की खेती
इसे आम भाषा में नींबू घास कहा जाता है. पशु इस फसल को खाना नहीं पसंद करते हैं. इसकी रोपाई के बाद सिर्फ एक बार निराई करने की जरूरत पड़ती है, तो वहीं सिंचाई भी साल में 4 से 5 बार ही करनी पड़ती है. एक बार फसल लगाने के बाद 4-5 साल तक इस फसल से मुनाफा हासिल किया जा सकता है.
लेमनग्रास की खेती
आयुर्वेद की दवाओं को बनाने में अकरकरा के डंठल का उपयोग बड़े स्तर पर किया जाता है. इसके बीज डंठल की मांग हमेशा बनी रहती है. ऐसे में बाजार में इसकी एक किलो लकड़ी तकरीबन 300-400 रुपये तक में बिक जाती है.
अकरकरा की खेती
सजहजन उपयोग सब्जी और दवा बनाने में होता है. देश के अधिकतर हिस्सों में इसकी बागवानी की जा सकती है. इसका पौधा एक बार लगाने पर कई सालों तक मुनाफा कमाया जा सकता है.
सहजन की खेती
सतावर को शतावरी भी कहा जाता है. किसान इसकी खेती से काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं. सतावर की खेती एक एकड़ में करके 5 से 6 लाख रुपए कमा सकते हैं. कई सारी दवाओं को बनाने के लिए इसके डंठल और पत्तों का उपयोग किया जाता है.
सतावर की खेती